समिति की ओर से इतिहास (भारतीय परंपरा विरासत समाज) के विद्यार्थियों के लिए गांधी दर्शन परिसर में 23 मई, 2018 को एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। ये विद्यार्थी अपने समर प्रोजेक्ट के तहत गांधीजी के संदेशों और उनके जीवन को समझने आए थे।
इतिहास की संस्थापक निदेशक स्मिता वत्स के नेत्रत्व में विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में इटर्नशिप कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने अनुभूति की कि गांधी दर्शन संग्रहालय का अवलोकन कर, उन्होंने गांधीजी की मोहन से महात्मा बनने की यात्रा का अनुभव किया है।
इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने गांधीजी की अनेक विशेषताओं की चर्चा की। उन्होंने गांधीजी के जीवन के उदाहरणों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को ईमानदारी और साहस को अपने जीवन में भरने का आहवान किया। निदेशक ने प्रतिभागियों के लिए पूजनीय दलाई लामा द्वारा विकसित खेल ‘‘स्वयं को जानो’’ का संचालन भी किया, जिसे विद्यार्थियों ने काफी आनंदित किया।
समिति के कार्यक्रम कार्यकारी श्री राजदीप पाठक ने समिति की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों को स्कूलों में मोनिया क्लब स्थापित करने चाहिए। यह क्लब बच्चों की रचनात्मक गतिविधियों का एक अच्छा केन्द्र बन सकता है।
इससे पूर्व विद्यार्थियों ने गांधी दर्शन परिसर का अवलोकन किया और गांधीजी के बारे में जाना। परिचर्चा का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।